एचएमपीवी (ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस) एक श्वसन संक्रमण है, जो बच्चों और बुजुर्गों पर अधिक प्रभाव डालता है। यह वायरस भारत में तेजी से फैल रहा है।
एचएमपीवी वायरस क्या है?
एचएमपीवी एक वायरस है जो 2001 में खोजा गया था। यह मुख्य रूप से फेफड़ों और श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और सर्दी जैसे लक्षण उत्पन्न करता है।
एचएमपीवी के सामान्य लक्षण
खांसी और बुखारगले में खराशसांस लेने में तकलीफनाक बंद होनाथकावट
वायरस का प्रसार कैसे होता है?
एचएमपीवी संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमित सतह को छूने और फिर आंख, नाक, या मुंह को छूने से भी यह फैल सकता है।
5 साल से कम उम्र के बच्चे60 वर्ष से अधिक के बुजुर्गकमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तिपुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोग
एचएमपीवी वायरस के जोखिम समूह
हालांकि अधिकांश मामलों में यह हल्का रहता है, लेकिन गंभीर मामलों में यह निमोनिया या ब्रोंकाइटिस का कारण बन सकता है। अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है।
एचएमपीवी संक्रमण की गंभीरता
बार-बार हाथ धोनाखांसी या छींक आने पर मुंह ढकनाaली जगहों से बचनासंक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना
वायरस से बचाव कैसे करें?
एचएमपीवी का कोई विशेष टीका या एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। उपचार में लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं दी जाती हैं, जैसे बुखार कम करने की दवा और हाइड्रेशन।
उपचार और टीकाकरण
भारत में पिछले कुछ महीनों में एचएमपीवी संक्रमण के मामले बढ़े हैं। डॉक्टर और स्वास्थ्य संगठन जनता को जागरूक कर रहे हैं और सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।
भारत में वायरस की स्थिति
एचएमपीवी से बचाव के लिए साफ-सफाई और सतर्कता सबसे महत्वपूर्ण है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और समय पर डॉक्टर से परामर्श लें।